Thursday 17 January 2019

बुजुर्गों को घर बैठे मिलेगी राशि, शासन ने शुरू की ‘पेंशन आपके द्वार’ योजना

मध्यप्रदेश सरकार ने अब बुजुर्गों व नि:शक्तजन को हर माह पेंशन पाने के लिए बैंक की लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें घर बैठे...
अब बुजुर्गों व नि:शक्तजन को हर माह पेंशन पाने के लिए बैंक की लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें घर बैठे ही राशि मिल सकेगी। बुजुर्गों व नि:शक्तजन काे राहत देने के लिए मप्र सरकार ने नई योजना ‘पेंशन आपके द्वार’ शुरू की है। इसमें डाक विभाग के माध्यम से हितग्राही को घर बैठे ही प्रतिमाह पेंशन मिल जाएगी और उन्हें बैंक की लाइन में नहीं लगना होगा। योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने वाले हितग्राही को निकटतम डाकघर में बचत खाता खुलवाना होगा या फिर बैंक में संचालित बचत खाते को डाकघर में स्थानांतरित करना होगा तभी उन्हें घर पहुंच पेंशन राशि का लाभ मिल सकेगा। इसके आदेश भी डाकघरों को जारी हो चुके हैं। 

जिलेभर में डाकघरों की यह है स्थिति- जिले में 2 प्रधान डाकघर, 353 उपडाकघर, 298 ग्रामीण डाकघर है। वहीं 335 ऐसे डाकघर हैं जहां पोस्ट पैमेंट बैंक की सुविधा है। 

ऐसे खुलेगा डाकघरों में खाता एक जनवरी से योजना डाकघरों में लागू हो चुकी है। इसके लिए पेंशन हितग्राही नया बचत खाता खुलवा सकते हैं। हितग्राही को आधार कार्ड व परिवार समग्र आईडी जमा करना होगी। अगर हितग्राही का पहले से बैंक में खाता है तो वह इसे डाकघर में स्थानांतरित भी करवा सकेगा। इसके बाद प्रतिमाह डाक विभाग के माध्यम से पेंशन हितग्राही को घर पहुंचकर थंब मशीन के माध्यम से पेंशन की राशि दी जाएगी। 

ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द लगाएंगे शिविर डाक विभाग के विनय प्रकाश ने बताया कि पेंशन आपके द्वार योजना शुरू हो चुकी है। इसमें खाता खुलवाने व स्थानांतरित करने के लिए जल्द ही ग्रामीण डाकघरों पर शिविर लगाए जाएंगे। इसमें गांवों में हितग्राहियों को योजना बताकर उन्हें अपना खाता डाकघर में खोलने को कहा जाएगा। इससे उन्हें पेंशन लेने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा। 

ग्रामीणों को पेंशन के लिए नहीं आना पड़ेगा शहर ग्रामीण हितग्राहियों को प्रतिमाह की पेंशन पाने के लिए शहर व नगर स्थित बैंकों में आना होता है। ऐसे में कई गांव शहर से 20 से 30 किमी दूर तक होते है। जिससे हितग्राही को परेशान होना होता है। डाक विभाग के डाकघर गांवों में भी है, ऐसे में योजना से ग्रामीणों को गांव में ही पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी और उन्हें शहर भटकना नहीं पड़ेगा।

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